राजस्थान सामान्य ज्ञान
पार्ट १
कर्नल टॉड के शब्दों में "राजस्थान का को छोटा सा राज्य भी ऐसा नहीं है जिसमें थर्मोपॉली जैसी रणभूमि नहीं हो और शायद ही कोई ऐसा नगर मिले, जहाँ लियोनिडोस जैसा वीर पुरुष पैदा नहीं हुआ हो | "
(एनाल्स एंड एंटिकिव्टीज ऑफ़ राजस्थान - 1829 )
दोस्तों हम पहले कुछ फैक्ट के बाद टॉपिक वाइस आगे बढ़ेंगे |
"यदि विश्व व कोई ऐसा स्थान है - जहाँ वीरों की हड्डिया मार्ग लग। धूल बनी है , तो वह राजस्थान कहा जा सकता है" (रुडयार्ड किपलिंग )
"जब जब भी में राजस्थान लग वीर प्रसूता धरती यह कदम रखता हूँ , मेरा ह्रदय काँप उठता हे की कही मेरे पैर के निचे किसी वीर की समाधि ने हो, किसी वीरांगना का थान न हो"
(राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर )
मारवाड़ - मारवाड़ का अर्थ हे रेगिस्तान सा रक्षित देश, वाड़ का अर्थ है रक्षक | 10 मई 1933 को मारवाड़ राज्य का नाम जोधुपुर रखा गया |
मेवाड़ - राजस्थान लग प्राचीनतम रियासत मेवाड़ (565 ई.) के संस्थापक गुहिल थे | इसमें उदयपुर,पूर्वी राजसमंद, भीलवाड़ा व् चित्तोड़गढ़ जिलों सका पहाड़ी क्षेत्र शामिल था | मेवाड़ का प्राचीनतम नाम कीव था | जिसे वाद में मेदपाट या प्राग्वाट कहा जाने लगा | यहाँ का शासक निरंतर मलच्छो से संघर्ष करते रहे , अतः इस क्षेत्र का मेदपाट कहा गया |
राजस्थान का प्रमुख इतिहासकार
१. मुहणोत नेणसी
२. कर्नल जेम्स टॉड
३. कविराजा श्यामलदास
४. डॉ. गौरीशंकर हीराचंद ओझा
अभिलेख
- दस्तूर कौमवार जयपुर रियासत का अभिलेखों की एक महत्वपूर्ण श्रंखला है | जिसका समय विक्रम संवत 1700 से 2000 के बिच में हे | इसके अतिरिक्त जोधपुर के दस्तूरी अभिलेख, बीकानेर की बाहियात और कोटा की नथिया महत्वपूर्ण ऐतिहासिक प्रमाण हे |
- बीकानेर रियासत के मत्वपूर्ण अभिलेख "जनरल रिकार्ड्स भवन " में रखे जाते थे | अभी इसका नाम "राजस्थान राज्य "अभिलेखागार बीकानेर" हे |
- राजस्थान में 1857 की क्रांति का बारे में सम्पूर्ण विवरण कोटा सचिवालय में "हालत विद्रोह 1857" नाम सा सुरक्षित रखे हुए हैं |
- उदयपुर के उतर स्तिथ 'चिरवा गांव' के 1273 ई के अभिलेख में सर्वप्रथम "सतीप्रथा व पाशुपत शैव धर्म" के बारे में जानकारी मिलती है |
- मौलाना अब्दुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संसथान टोंक में स्थित है |
- ख्वाजा मुईन दिन चिस्ती उर्दू अरबी फारसी विशवविधालय लखनऊ में स्थित है |
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