Friday, 18 September 2020

हुरड़ा सम्मलेन

 17 जुलाई 1734 

मराठों ने जयपुर  (आमेर ) के सवाई जयसिंहपर 1733 ई में आक्रमण  जयसिंह को पराजित किया | जयसिंह  आमेर से मेवाड़ के महाराणा संग्राम सिंह के पास जाकर मराठों के विरुद्ध मुकाबला के लिए राजपूतों को इकट्ठा करने की योजना  हेतु सम्मलेन बुलाने की योजना बनाई | सम्मलेन बुलाने  स्थान "हुरड़ा "(भीलवाड़ा )  तय किया गया जो जो पहले मेवाड़ रियासत में था , जबकि वर्तमान में भीलवाड़ा जिले में स्थित हैं | 
सम्मलेन का दिन 17 जुलाई 1734 ई  तथा अध्यक्ष संग्राम सिंह को बनाया गया | जनवरी 1734  में संग्राम सिंह की मृत्यु हो जाने के कारन हुरड़ा सम्मलेन की अधयक्षता मेवाड़ के जगतसिंह द्वितीय ने की | 
हरदा सम्मेलन का आयोजनकर्ता जयपुर का जयसिंह था |  हुरड़ा सम्मेलन में जयपुर  के जयसिंह , बीकानेर के जोरावरसिंह , मेवाड़  महाराणा जगतसिंह द्वितीय , किसनगढ़ के राजसिंह ,बूंदी  दलेल  सिंह , करोली  गोपालसिंह तथा कोटा के दुर्जनसाल सम्मिलित हुए | राजपूतों  आपसी मनमुटाव तथा लालच के कारन यह सम्मेलन असफल  |

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